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अब जमीनी स्तर पर होगा मौलिक भारत का संघर्ष और विस्तार

BY : मौलिक भारत

को सुन समझकर शासन-प्रशासन तक पहुंचाने व निदान के लिए ‘मध्यस्त’ की भूमिका निभाएंगे।

मौलिक भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए महासचिव अनुज अग्रवाल ने बताया कि हमारे नशाखोरी, अश्लीलता एवं नारी उत्पीडऩ के विरुद्ध संघर्ष के काफी सकारात्मक परिणाम आये हैं और सरकार ने आगामी कुछ वर्षो में क्रमिक रूप से देश में तम्बाकू की खेती समाप्त करने का निर्णय लिया है, वहीं नशीले पदार्थों की बिक्री को ‘सेवा एवं वस्तु कर’ के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा है जिससे इन पदार्थों के अवैध व्यापार पर रोक लग जायेगी। वहीं ड्रग्स माफिया के खिलाफ बड़ा अभियान चलाना व अन्तर्राष्ट्रीय समझौते करना प्रारम्भ किया है। सभी तम्बाकू पदार्थों पर लगने वाले करों में भी भारी वृद्धि की जा रही है। स्वयं प्रधानमंत्री अपने आगामी ‘मन की बात’ कार्यक्रम से नशाखोरी के विरुद्ध सामाजिक अभियान शुरु करने की बात कह चुके हैं। मौलिक भारत के प्रयासों से ही टीवी, रेडियो व पत्र पत्रिकाओं आदि से अश्लील चित्र,विज्ञापन व खबरों का प्रसारण व छपाई रुक गयी है। वहीं अश्लील पोर्न वेबसाइटों को बंद कराने का भी अभियान भारत सरकार ने प्रारम्भ कर दिया है। चुनाव आयोग के सुधार, चुनाव सुधार तथा मतदाता जागरूकता अभियान की सफलताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने इन अभियानों की निरन्तरता बनाये रखने हेतु सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि अब मौलिक भारत से देशभर के 4500से भी अधिक संगठन जुड़ गये हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि मौलिक भारत के नीति पत्र की 50 प्रतिशत से भी अधिक मांगों व सुझावों को भाजपानीत नयी सरकार ने स्वीकारा है और उसके आधार पर नयी नीतियां व कानून बना रही है, जो सराहनीय है। उन्होंने किसानों व शहरी ग्रामीणों, स्लमों में रहने वालों, मजदूरों, आदिवासियों आदि के हित में एक मांगपत्र रखा जिसको सदन ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया, अब इसे प्रधानमंत्री एवं अन्य मंत्रियों को भेजा जाएगा।

मौलिक भारत की आरटीआई शाखा के संयोजक गोपाल प्रसाद ने अपनी आगामी कार्ययोजनाओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि विविध क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर अब से हर माह 200 से 300 आरटीआई लगाई जाएंगी ताकि इस दिशा में व्यवस्थित कार्य हो सके। वहीं फरवरी 2015 से प्रसिद्ध वकील योगेश सक्सेना व नीरज सक्सेना के नेतृत्व में पीआईएन सेल की स्थापना की भी घोषणा की गई ताकि महत्वपूर्ण जन हित के मुद्दों पर प्रभावी तरीके से कानूनी लड़ाई लड़ी जा सके।

मौलिक भारत के समर्थन से ‘इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य में जानने के लिए प्रसिद्ध लेखक व पत्रकार संदीप देव के अभियान को स्वयं संदीप देव द्वारा स्पष्ट किया गया। उन्होंने इस दिशा में ऐसी ईकाई गठित करने पर जोर दिया जो ऐसे बुद्धिजीवियों, लेखकों व पत्रकारों से बनी हो, जो पर्याप्त शोध के उपरांत संचार के प्रत्येक माध्यम से इतिहास की सही जानकारियों को देश व समाज के समाने रख सकें और नयी पीढ़ी वामपंथी – धर्मनिरपेक्ष सत्ता परस्त दुष्प्रचारों के जाल से निकल सके।

देश की विदेश नीति कैसी हो, इस पर मौलिक भारत की विदेश नीति शाखा के संयोजक व प्रसिद्ध लेखक-विचारक नीरज कुमार ने अपना शोध व विश्लेषण सबके सामने रखा और आह्वान किया कि देश के सभी नागरिकों में विदेश नीति के प्रति जागरुकता इतनी अधिक होनी चाहिए कि कोई भी शासक राष्ट्र के विरुद्ध फैसले न ले सके। उनके ‘श्रीयंत्र’ आधारित मॉडल को चीन की सरकार ने भी सराहा है व अपने देश के लिए भी ऐसे मॉडल को तैयार करने के लिए उन्हें आमंत्रण दिया है।

संजीव गुप्ता एवं नीरज सक्सेना ने अपने प्रस्तुतीकरण में चुनाव आयोग व चुनाव सुधार के अपने संघर्ष को विस्तार से बताते हुए लोकतंत्र के खोखलेपन को उजागर करते हुए बताया कि कैसे चुनाव आयोग गलतियों पर गलतियां करता जा रहा है और सरकार व संसद खामोश हैं। उन्होंने झूठे शपथ पत्रों, चुनाव आयोग द्वारा गलत आंकड़े पेश करने व अपने विभिन्न संवैधानिक व सरकारी विभागों से संघर्ष व परिणामों की भी जानकारी दी तथा अरविन्द केजरीवाल से संबंधित मौलिक भारत के मुकदमे के बारे में वर्तमान स्थिति व आगामी कार्यनीति एवं नये खुलासों का भी उल्लेख किया जिसको सदन द्वारा सराहा गया व निरन्तर सहयोग का आश्वासन भी दिया गया।

मौलिक भारत के उपाध्यक्ष डॉ. अमरनाथ ओझा ने सामुदायिक रेडियो के महत्व को रेखांकित करते हुए इन स्टेशनों के लिए प्रसारित होने वाली सामग्री को तैयार करने के लिए मौलिक भारत द्वारा एक अलग शाखा के निर्माण की मांग की जिसे स्वीकार कर लिया गया तथा यह भी तय किया गया कि कुछ सामुदायिक रेडियो का संचालन संस्था से जुड़े लोगों के द्वारा भी किया जाना चाहिए ताकि मौलिक भारत की नीतियों व कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। वैकल्पिक शिक्षा नीति व बेहतर एवं वैकल्पिक स्वास्थ्य नीति पर क्रमश: ईश्वर दयाल कंसल एवं आशुतोष सिंह द्वारा मौलिक भारत के समर्थन व सहयोग से किये जा रहे प्रयासों को आगे ले जाने के लिए और अधिक सहयोग एवं समर्थन देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। यद्यपि इन दोनों विषयों पर अपेक्षित प्रस्तुतीकरण दोनों सदस्यों की अनुपस्थिति के कारण संभव नहीं हो सका।

मौलिक भारत के सदस्य एजाज कुरैशी एवं अंजलि मेहता ने 16 दिसंबर 2014 से (निर्भया बलिदान दिवस) महिलाओं के सम्मान व नारी उत्पीडऩ के विरुद्ध प्रस्तावित अभियान की रूप रेखा प्रस्तुत की। वर्ष 2015 को ‘ंमहिला सम्मान वर्ष’ के रूप में मनाने का भी भारत सरकार से अनुरोध किया गया, वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आह्वान किया गया कि वे ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में ‘मन की स्वच्छता’ के विषय को भी शामिल करें। महिलाओं के विभिन्न मुद्दों पर एक विस्तृत मांगपत्र बनाने का प्रस्ताव भी पास हुआ जिसे 16 दिसंबर तक अंतिम रूप देकर भारत सरकार को भेजा जायेगा।

मौलिक भारत के कोषाध्यक्ष राजेश गोयल ने ट्रस्ट की बढ़ती गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए स्थायी कोष व नियमित सदस्यता व दान हेतु सभी उपाध्यक्षों व प्रदेश प्रभारियों की एक समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा जो यथाशीघ्र कार्ययोजना बनाकर उसे क्रियान्वित करेगी। उन्होंने फरवरी 2015 से ट्रस्ट में अधिक ट्रस्टियों को शामिल किए जाने का भी प्रस्ताव रखा।

मौलिक भारत ट्रस्ट के बढ़ते कार्यों व विस्तार को ध्यान में रखते हुए कुछ नये पदों का सृजन व नियुक्तियों की संस्तुति की गयी है। जो निम्न प्रकार हैं-

  • श्री ईश्वर दयाल कंसल – कार्यकारी अध्यक्ष (व्यवस्था परिवर्तन के अन्य आंदोलनों व संगठनों से सहयोग, सामंजस्य व समन्वय की जिम्मेदारी)
  • श्री सुरेश शर्मा – राष्ट्रीय संगठन मंत्री (प्राथमिक रूप से 50 जिलों व क्रमिक रूप से पूरे देश में वृहत स्तर पर संगठन का ढांचा खड़ा करना।)
  • कै. विकास गुप्ता – राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रभारी उ.प्र. (राष्ट्रीय स्तर पर नीतियों का प्रसार व उ.प्र. में संगठन का विस्तार)
  • श्री नवीन कौशिक – प्रभारी हरियाणा (हरियाणा में संगठन का विस्तार)
  • श्री मृत्युंजय सिंह – संयोजक, जिला गौतम बुद्ध नगर
  • श्री पिंकी चैधरी – संयोजक, जिला गाजियाबाद

अन्य नियुक्तियों, चयन व चुनावों की घोषणा जिलावार की जायेगा।

कार्यक्रम में लगभग सभी सदस्यों के अपने-अपने विचार, सुझाव व प्रस्ताव रखे और चर्चा में भाग लिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेन्द्र सोलंकी से सभी ने संस्था के लिए एक संस्था-गीत बनाने का अनुरोध किया जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। बैठक के अंत में महासचिव अनुज अग्रवाल ने बाहरी दिल्ली विकास मंच के संयोजक कर्नल देवेन्द्र सेहरावत को मौलिक भारत के पूर्ण सहयोग व समर्थन का प्रस्ताव रखा वहीं अपने विभिन्न कार्यक्रमों में रामानुजा मिशन ट्रस्ट, चेन्नई व कै. विकास गुप्ता के सहयोग के लिए उनका आभार प्रकट किया। अनुज अग्रवाल ने रामानुजा मिशन ट्रस्ट का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि ट्रस्ट ने मौलिक भारत संस्था को ‘लाईफ टाईम अचीवमेंट अवॉर्ड’ देने की घोषणा की है।

समापन सत्र में राष्ट्रगाान से पूर्व मौलिक भारत के दर्शन को स्पष्ट करते हुए अनुज अग्रवाल ने बताया कि हम पुन: देश में एक बौद्धिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक क्रांति लाना चाहते हैं जो देश को आर्थिक व वैज्ञानिक रूप से समृद्ध कर सके। इस लक्ष्य को पाने के लिए हमें पुन: भृगु-मनु-वेद ऋषि परंपराओं व धाराओं को जीवित करना पड़ेगा ताकि प्रत्येक भारतवासी व विश्व मानव व प्रकृति के संबंधों को समझते हुए, मनन-चिंतन कर वैज्ञानिक व प्रकृति केन्द्रित सनातन जीवन सूत्रों व धाराओं की पुनस्र्थापना कर जीवन को समग्र रूप से जीते हुए सम्पूर्णता को प्राप्त करे।

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