केंद्रीय सूचना आयोग दिल्ली का निर्णय : क्यों न विधायक’ अरविन्द केजरीवाल, आम आदमी पार्टी का विधायक दल और आम आदमी (राजनैतिक पार्टी) RTI कानून में जवाबदेह हों
सूचना आयोग इस मामले में दिनांक 11/4/2016 को 2:30 बजे दोपहर पुनः सुनवाई Central Information Commission, Room No. 315, B-Wing, August Kranti Bhawan, Bhikaji Kama Place, New Delhi-110066 में करेगा
प्रेस नोट
विषय : क्यों न ‘विधायक’ अरविन्द केजरीवाल, आम आदमी पार्टी का विधायक दल और आम आदमी (राजनैतिक पार्टी) RTI कानून में जवाबदेह हों :: केंद्रीय सूचना आयोग का निर्णय
आदरणीय संपादक महोदय,
दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने गाज़ियाबाद में निवास करते हुए दिल्ली विधान सभा चुनाव-2015 लड़ने के लिए निर्वाचन आयोग को दिल्ली में अपना वोट बनाये (कायम) रखने केलिए कई फ़र्ज़ी पते (residential addresses ) का प्रयोग किया था। अरविन्द केजरीवाल के द्वारा भरे गए Form8A 467402 (दिनांक 17/11/2014) के आधार पर अरविन्द केजरीवाल ने अपना वोट 514 VBP HOUSE, RAFI MARG, NEW DELHI पर बनवाना चाहा था। इस Form8A 467402 को मौलिक भारत सदस्य नीरज सक्सेना (ADVOCATE) एवं अनुज अग्रवाल द्वारा दिनांक 24/11/2014 को दिल्ली निर्वाचन आयोग के समक्ष चुनौती दी गयी थी।
आदरणीय संपादक महोदय,
दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने गाज़ियाबाद में निवास करते हुए दिल्ली विधान सभा चुनाव-2015 लड़ने के लिए निर्वाचन आयोग को दिल्ली में अपना वोट बनाये (कायम) रखने केलिए कई फ़र्ज़ी पते (residential addresses ) का प्रयोग किया था। अरविन्द केजरीवाल के द्वारा भरे गए Form8A 467402 (दिनांक 17/11/2014) के आधार पर अरविन्द केजरीवाल ने अपना वोट 514 VBP HOUSE, RAFI MARG, NEW DELHI पर बनवाना चाहा था। इस Form8A 467402 को मौलिक भारत सदस्य नीरज सक्सेना (ADVOCATE) एवं अनुज अग्रवाल द्वारा दिनांक 24/11/2014 को दिल्ली निर्वाचन आयोग के समक्ष चुनौती दी गयी थी।
नीरज सक्सेना (ADVOCATE) द्वारा एक RTI (दिनांक 25/11/2014) के माध्यम से दिल्ली निर्वाचन आयोग से अरविन्द केजरीवाल के उक्त दस्तावेज Form8A 467402 की सत्यापित प्रति माँगी गयी। जिसको आधार बनाते हुए अरविन्द केजरीवाल की इन कारगुज़ारियों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जानी थी।
महोदय दिल्ली निर्वाचन आयोग (नयी दिल्ली जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय) द्वारा जान बूझ कर 104 दिनों का विलम्ब करते हुए (दिनांक 09/3/2015 ) को केजरीवाल के उक्त दस्तावेज Form8A 467402 की सत्यापित प्रति प्रार्थी को गई गयी। तब तक अरविन्द केजरीवाल अवैध रूप से नयी दिल्ली विधान सभा से चुनाव जीत कर ‘विधायक’ बन दिल्ली के मुख्य मंत्री के पद पर आसीन हो चुका था।
महोदय दिल्ली निर्वाचन आयोग और अरविन्द केजरीवाल की मिलीभगत की इन्ही कारगुज़ारियों के खिलाफ प्रार्थी द्वारा केंद्रीय सूचना आयोग नयी दिल्ली में दिनांक 21/8/2015 को एक याचिका दायर की गयी।
याचिका संख्या CIC/SA/C/2015/000275 पर केंद्रीय सूचना आयोग, नयी दिल्लीं की खंड पीठ सूचना आयुक्त Prof. M. Sridhar Acharyulu (Madabhushi Sridhar) द्वारा दिनांक 22/02/2016 को सुनवाई की गयी। सुनवायी के दौरान याची नीरज सक्सेना (ADVOCATE) तो मौजूद रहा परन्तु (नयी दिल्ली जिला निर्वाचन के जन सूचना अधिकारी) उपस्थित नहीं हुए।
सूचना आयोग नयी दिल्ली के खंड पीठ द्वारा दिनांक 18/3/2016 के निर्णय में दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल को आदेश किया है:
(1) कि प्रार्थी नीरज सक्सेना एडवोकेट द्वारा लगाये गए संगीन एवं प्रभावी आरोपों/प्रश्नों/RTI (स्वयं अरविन्द केजरीवाल द्वारा दिए गए दिल्ली में निवास के विभिन्न पतों की वैध्यता की चुनौती) का स्वयं अरविन्द केजरीवाल स्पष्टीकरण/जवाब दे ;
(2 ) क्यों न विधायक की हैसियत से अरविन्द केजरीवाल को सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत ‘लोक प्राधिकारी'(PUBLIC AUTHORITY) माना जाय ;
(3) क्यों न आम आदमी पार्टी AAP (विधायक दल ) को ‘लोक प्राधिकारी'(PUBLIC AUTHORITY) माना जाय;
(4) केंद्रीय सूचना आयोग की (FULL BENCH) के याचिका संख्या CIC/SM/C/2011/001386 दिनांक 03/6/2013 के निर्णय के प्रकाश में (आधार मानते हुए) क्यों न, आम आदमी (राजनैतिक पार्टी) AAP को ‘लोक प्राधिकारी’ (PUBLIC AUTHORITY) माना जाय;
[ज्ञात हो कि याचिका संख्या CIC/SM/C/2011/001386 दिनांक 03/6/2013 के निर्णय द्वारा भारतवर्ष की छह (6) राष्ट्रीय राजनैतिक दलों {INC, BJP, CPI(M), CPIO, NCP and BSP} को RTI कानून की धारा 2(h) के अंतर्गत ‘लोक प्राधिकारी’ (PUBLIC AUTHORITY) घोषित किया गया था,]
(5) क्या, केंद्रीय सूचना आयोग प्रार्थी (नीरज सक्सेना एडवोकेट) द्वारा मांगी गयी सूचनाओं को उपलब्ध करवाने के लिए अरविन्द केजरीवाल, आम आदमी (विधायक) पार्टी और आम आदमी (राजनैतिक पार्टी) को दिशा निर्देश (DIRECTION), नहीं दे सकता ?
(सूचना आयोग इस मामले में दिनांक 11/4/2016 को 2:30 बजे दोपहर पुनः सुनवाई Central Information Commission, Room No. 315, B-Wing, August Kranti Bhawan, Bhikaji Kama Place, New Delhi-110066 में करेगा )
Neeraj Saxena (Advocate), Rahul Raj Malik (Advocate), Sanjeev Gupta (Engineer), Tilak Ram Pandey Members of Maulik Bharat Trust (Election Reforms Committee)
मौलिक भारत
Dated : 11 April, 2016
संलग्न : याचिका संख्या CIC/SA/C/2015/000275 निर्णय दिनांक 18/3/2016 .pdf फॉर्मेट में