आधार कार्ड को अनिवार्य करने के लिए मौलिक भारत सन 2015 से ही सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग व भारत सरकार को प्रतिवेदन भेज रहा है। आज देश में 99% से अधिक नागरिकों को आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं किंतु फिर भी “ निजता के उल्लंघन” के आधार पर सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड को प्रत्येक सेवा व लेन देन में अनिवार्य नहीं होने दे रहा है। इसीलिए भ्रष्टाचारी व कालेधन कमाने वाले मौज कर रहें हैं क्योंकि उनको लगता है कि सुप्रीम कोर्ट उनको संरक्षण दे रहा है। MAULIK BHARAT इस दुरभिसंधि को समाप्त करने की माँग करता है।
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